चाकीकाडी
सामग्री- (चकिया, मूसल, गेहूँ, पूजा की थाली में गेरू सफेद चाक, धी, गुड, सेन्दूर, गलाल, चांवल, फल, जल का लोटा, धूप दीप सात डल्ली मिट्टी, बॉंस की टोकनी, सूपा, पेपर, पान सुपारी) सबसे पहले गेरू चाक द्वारा सात गोले पृथ्वी पर बनाकर गेहूँ रखा जाता है उसके आस-पास चारों तरु मिट्टी की डल्ली रखकर परिवार की दो महिलाऍं (देवरानी-जेढानी या ननद-भाभी) को बैढाते है, मुख्यत: शादी के कार्यक्रम में शुरू से आखरी तक इन्हीं के द्वारा किया जाता है, दोनों महिलाऍं मूसर से सात बार गोल धूमकर नेग कर गेहूँ कूटा जाता है इसके पश्चात् दो-दो महिलाओं की जोडी बनाकर चकिया में गेहूँ पीसा जाता है, इसी के आटे से मांई बनाई जाती है, तथा हर्ष एवं उल्लास के साथ महिलाऍं मंगलगीत गाती है ।
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