सामाजिक रीति रिवाज
हम अपने संस्कार, व्रत एवं पूजन तथा अन्य रीतियॉं अपने बुजुर्गो द्वारा निर्देशित रूढियों व पद्धितियों के अनुसार पूर्ण करते हैं, यह सब हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं, इन्हीं नियमों का पालन हेतु हमारे जीवन में संस्कार बनाए गए है वैसे तो हिन्दु धर्म में सोलह संस्कारों की मान्यता है जो इस प्रकार है :-
गर्भाधानं पुंसवनं सीमन्तो जात कर्मच । नामक्रिया निष्क्रमणोंऽन्नशनं वदन क्रिया ।।
कर्णवेधो, व्रतादेशो, वेदारम्भ क्रिया-विधि केशान्त: स्नानमुद्राहो, दिवाहाग्नि- परिग्रह:
चेताऽग्रिस ग्रहश्चति, संस्कारा: शोऽशास्मृत: ।।
कर्णवेधो, व्रतादेशो, वेदारम्भ क्रिया-विधि केशान्त: स्नानमुद्राहो, दिवाहाग्नि- परिग्रह:
चेताऽग्रिस ग्रहश्चति, संस्कारा: शोऽशास्मृत: ।।
सतवासा
छठी पूजन
बारसा
कुऑं पूजन
अन्न प्राशन
मुडन संस्कार
कर्ण छेदन
वर्षगांठ
विवाह संस्कार
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