मंगलवार, 12 अगस्त 2008

श्री बागेश्‍वर कसौंधन वैश्‍य समाज की नियमावली

नियामावाली

1. संस्‍था का नाम:- श्री बागेश्‍वर कसौंधन वैश्‍य समाज, भिलाई होगा।
2. संस्‍था का प्रधान कार्यालय :- लालचंद गुप्‍ता, जी सेल के बगल में सब्‍जी मंडी, अकाशगंगा, सुपेला, भिलाई, तहसील व जिला दुर्ग (छ.ग.)
3. संस्‍था का कार्यक्षेत्र :- सम्‍पूर्ण छ।ग। होगा ।
4. संस्‍था के उद्देश्‍य निम्‍नलिखित होगें :-
1. संस्‍था समाज के समस्‍त वर्ग के बालक बालिकाओं के शिक्षण हेतु संस्‍थान का
गठन एवं उसका सुचारू रूप से संचालन करेगी ।
2. संस्‍था अपने द्धारा गठित शिक्षण संस्‍थानों से समाज के सभी बालक बालिकाओं
को हिन्‍दी व अंग्रेजी भाषाओं को पढाने की व्‍यवस्‍था करेगी ।
3. संस्‍था समाज के निर्धन एवं असहाय व्‍यक्तियों की मदद करेगी ।
4. संस्‍था समाज के बेसहारा एवं यतीम बच्‍चों को रहने, खाने पीने एवं शिक्षा की
व्‍यवस्‍था करेगी । उच्‍च शिक्षारत गरीब लडकियों की यथासंभव मदद करना ।
5. संस्‍था सामाजिक एवं धार्मिक कार्यो तथा सामूहिक विवाह का आयोजन करेगी ।
6. संस्‍था सामाजिक उत्‍थान हेतु अन्‍य सांस्‍कृतिक एवं रचनात्‍मक कार्यो में
भागीदारी करेगी एवं साथ ही उनका आयोजन भी करेगी ।
7. संस्‍था अपने सदस्‍यों व उनके आश्रितों की बिमारी, वृद्धावस्‍था, मृत्‍यु,
बेकारी एवं अन्‍य कठिनाईयों में समय-समय पर यथायोग्‍य मदद करेगी ।
8. साम्‍प्रदायिक एकता के लिए पूरी शक्ति और योजना के तहत कार्य करना ।
5. सदस्‍यता :- संस्‍था में निम्‍नलिखित श्रेणी के सदस्‍य होगें :-
अ. संरक्षक सदस्‍य :- संस्‍था को जो व्‍यक्ति दान के रूप में 3000/- रूपए (अक्षरी तीन हजार रूपए) या अधिक एकमुश्‍त या एक साल में बारह किश्‍तों में देगा वह समिति का संरक्षक सदस्‍य होगा ।

ब. आजीवन सदस्‍य :- संस्‍था को जो व्‍यक्ति दान के रूप में 13000/- रूपए (अक्षरी तेरह हजार रूपए) या अधिक देगा वह आजवन सदस्‍य बन सकेगा कोई भी आजीवन सदस्‍य रूपए 3000/- (अक्षरी तीन हजार रूपए) या अधिक देकर समिति का संरक्षक सदस्‍य बन सकता है ।
स. साधारण सदस्‍य :- जो व्‍यक्ति 31.00 रूपए (अक्षरी इक्‍कतीस रूपए) प्रतिमाह या 372.00 रूपए (अक्षरी तीन सौ बाहत्‍तर रूपए) प्रतिवर्ष संस्‍था को चंदे के रूप में प्रदान करेगा वह साधारण सदस्‍य हो सकेगा । साधारण सदस्‍य केवल उसी अवधि के लिए होगा जिस अवधि का चंदा दिया है । जब कभी कोई सदस्‍य संस्‍था द्धारा नियम प्रपत्र को भरकर रूपए 100.00 (अक्ष्‍री एक सौ रूपए) के शुल्‍क को संलग्‍न करके देगा तो सचिव प्रबंधकारिणी के अनुमति प्राप्‍त कर उसका नाम, पता, व्‍यवसाय एवं हस्‍ताक्षर को सदस्‍यों की पंजी में उल्‍लेखित करेगा, तो वह व्‍यक्ति संस्‍था का सदस्‍य बन जावेगा और वह साधारण सदस्‍यों की सभी अधिकारों का उपयोग कर सकेगा और संस्‍था के सभी कर्तव्‍यों का पालन करना होगा । जो साधारण सदस्‍य बिना संतोष कारण के छै: माह तक देय चंदा नही प्रदान करेगा उसकी सदस्‍यता समाप्‍त हो जावेगी । ऐसे सदस्‍य द्धारा संस्‍था के लिए नया आवेदनपत्र देने तथा बकाया राशी देने पर प्रबंधकारिणी समिति की अनुमति से पुन: सदस्‍य बनाया जा सकता है।
द. सम्‍मानीय सदस्‍य :- संस्‍था की प्रबंधकारिणी किसी व्‍यक्ति या व्‍यक्तियों को उस समय के लिए जो भी उचित समझे सम्‍मानीय सदस्‍य बना सकती है । ऐसे सदस्‍य साधारण सभा की बैठक में भग ले सकते है, परन्‍तु उनको मत देने का अधिकार न होगा ।
इ. विशेष सदस्‍य :- प्रत्‍येक व्‍यक्ति संस्‍था का शुभचिन्‍तक एवं सक्रिय सहयोगी होगा और संस्‍था को प्रतिवर्ष रूपए 5000/- (अक्षरी पॉंच हजार रूपए) देगा । वह संस्‍था का विशेष सदस्‍य होगा ।

6. सदस्‍यता की प्राप्‍ती :- प्रत्‍येक व्‍यक्ति जो कि समिति का सदस्‍य बनने का इच्‍छुक हो लिखित रूप में आवेदन करना होगा । ऐसा आवेदनपत्र प्रबंधकारिणी समिति को प्रस्‍तुत होगा, जिसके आवेदनपत्र को स्‍वीकार करने या अमान्‍य करने का अधिकार समिति का होगा ।
7. सदस्‍यों की योग्‍यता :- संस्‍था का सदस्‍य बनने के लिए किसी व्‍यक्ति में निम्‍नलिखित योग्‍यता होना आवश्‍यक है:-
1. आयु 18 वर्ष से कम न हो ।
2. भरतीय नागरिक हो ।
3. समिति के नियमों के पालन की प्रतिज्ञा की हो ।
4. जो दिवालिया, समाज व कानून की दृष्टि से अपराधी न हो ।
5. जो पागल व मंदबुद्धि न हो एवं न ही चारित्रिक व नैतिक रूप से व किसी अन्‍य प्रकार से अयोग्‍य न हो ।

8. सदस्‍यता की समाप्ति :- संस्‍था की सदस्‍यता निम्‍नलिखित स्थिति में समाप्‍त हो जावेगी
1. मृत्‍यु हो जाने पर ।
2. पागल हो जाने पर ।
3. संस्‍थ को देय चंदे की रकम नियम-5 में बताए बनुसार जमा न करने पर ।
4. त्‍यागपत्र देने पर और वह स्‍वीकार होने पर ।
5. चारित्रिक दोष होने पर और कार्यकारिणी समिति के निर्णयानुसार निकाल दिये जाने पर जिसके निर्णय पारित होने की सूचना सदस्‍य को लिख्ति रूप से देना होगा ा
9। संसथा कार्यालय में सदस्‍य पंजी रखी जावेगी जिसमें निम्‍न ब्‍योरे दर्ज किए जावेगें :-
1. प्रत्‍येक सदस्‍य का नाम, पता तथा व्‍यवसाय ।
2. वह तारीख जिसको सदस्‍यों को प्रवेश दिया गया हो व रसीद नं. ।
3. वह तारीख जिसमे सदस्‍यता समाप्‍त हुई हो ।
4. सदस्‍यों के हस्‍ताक्षर ।
10. मतदान का अधिकार :- प्रबंधकारिणी का गठन आम सभा में पारित निणर्य आदि के लिए मतदान का अधिकार निम्‍नलिखित सदस्‍यों को होगा :-

1. आजीवन सदस्‍य ।
2. साधरण सदस्‍य ।
3. विशेष सदस्‍य ।
11. सभायें :-

अ. साधरण सभा :- साधारण सभा में नियम 5 में दर्शाए श्रेणी के सदस्‍य ही सम्‍मलित होगें । साधारण सभा की बैठक आवश्‍यकतानुसार हुआ करेगी । परन्‍तु वर्ष में एक बार अनिर्वाय रूप से हुआ करेगी । बैठक का स्‍थान व समय कार्यकारिणी समिति द्धारा निश्‍चित किया जावेगा एवं इसकी सूचना प्रत्‍येक सदस्‍य को 15 दिवस पूर्व अनिर्वाय रूप से दी जावेगी । बैइक का कोरम 3/5 सदस्‍यों का होगा । संस्‍था की प्रथम आम सभ पंजीयन दिनांक से 3 (तीन) माह के भीतर बुलाई जावेगी । उसमें संस्‍था के पदाधिकारियों का विधिवत निर्वाचन किया जावेगा, यदि संगंधित आम सभा का आयोजन किसी समय नही किया जाता तो पंजीयक को अधिकार होगा कि वह संस्‍था की आम सभा का आयोजन किसी जिम्‍मेंदार कर्मचारी के मार्गदर्शन में पदाधिकारियों का विधिवत चुनाव कराया जायेगा ।
ब. प्रबंधकारिणी सभा :- प्रबंधकारिणी सभा बैठक प्रत्‍येक माह होगी तथ बैठक का एजेंडा तथ सूचना बैठक दिनांक से सात दिन पूर्व कार्यकारिणी के प्रत्‍येक सदस्‍य को भेजी जाना आवश्‍यक होगी । बैठक में कोरत ½ सदस्‍यों की होगी । यदि बैठक का कोरम पूर्ण नही होता है तो बैठक एक धण्‍टे के लिए स्‍थगित की जाकर उसी स्‍थान पर उसी दिन पुन: की जा सकेगी, जिसके लिए कोरम की कोई शर्त न होगी ।
स. विशेष :- यदि कम से कम कुल संख्‍या ( कुल सदस्‍यों की संख्‍या का ) के 2/3 सदस्‍यों द्धारा लिख्ति रूप से बैइक बुलाने हेतु आवेदन करे तो उनके दर्शाये विषय पर विचार करने के लिए साधारण सभा की बैठक बुलाई जावेगी । विशेष संकल्‍प पारित हो जाने पर संकल्‍प की प्रति बैठक पंजीयक को संकल्‍प पारित हो जाने के दिनांक से 14 दिन के भीतर भेजा जावेगा। पंजीयक को इस संबंध में आवश्‍यक निर्देश जारी करने तथा समिति को परामर्श देने का अधिकार होगा ।
12. साधारण सभा के अधिकार व कर्तव्‍य :-
क. संस्‍था का पिछले वर्ष का वार्षिक विवरण प्रति प्रतिवेदन स्‍वीकृत करना ।
ख. संस्‍था का स्‍थाई निधि व सम्‍पति की ठीक व्‍यवस्‍था करना ।
ग. आगामी वर्ष के लिए लेखा परीक्षको की नियुक्ति करना ।
ध. अन्‍य ऐसे विषयों पर विचार करना जो प्रबंधकारिण्‍ी द्धारा प्रस्‍तुत हो ।
च. संस्‍था द्धारा संचालित संस्‍थाओं के आय व्‍यय पत्रको की स्‍वीकृती करना ।
छ. बजट का अनुमोदन करना ।
ज. कार्यकारिणी व पदाधिकारियों का चुनाव करना एवं काई रिक्‍त पद हो तो उसकी पूर्ति करना ।
झ. उपनियमों में संशोधन करना ।
13. प्रबंधकारिणी का गठन :- टस्‍टीज आदि कोई हो समिति के पदेन सदस्‍य रहेगें । नियम 5 (अ,ब,स) में दर्शाये गए सदस्‍यों जिनके नाम पंजी रजिस्‍टर में दर्ज हो, बैठक में बहुमत के आधार पर निम्‍नांकित पदाधिकारियों तथा प्रबंधकारिणी समिति के सदस्‍यों का निर्वाचन होगा ।
1. अघ्‍यक्ष 2. उपाघ्‍यक्ष 3. सचिव 4. उपसचिव 5. कोषाघ्‍यक्ष 6. एवं अन्‍य सदस्‍यगण 7

14. प्रबंध समिति का कार्यकाल :- प्रबंध समिति का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा, समिति का यथेष्‍ट कारण होने पर उस समय तक जब तक नई प्रबंधकारिणी समिति का निर्माण नियमानुसार या अन्‍य कारणों से नही हो जाता, करती रहेगी, किन्‍तु उक्‍त अवधि 6 माह से अधिक नही होगी, जिसका अनुमोदन साधरण सभा से कराना अनिवार्य होगा ।
15। प्रबंधकारिणी के अधिकार व कर्तव्‍य :-
अ. जिन उद्देश्‍यों की प्राप्‍ती हेतु समिति का गठन हुआ, उसकी पूर्ति करना और इस आश्‍य की पूर्ति हेतु व्‍यवस्‍था करना ।
ब. पिछले वर्ष का आय व्‍यय का लेखा पूर्णत: परीक्षित किया हुआ प्रगति प्रतिवेदन के साथ प्रति वर्ष साधारण सभा की बैठक में प्रस्‍तुत करना ।
स. समिति एवं उसके अधीन संखलित संस्‍थाओं के कर्मचारियों के वेतन तथ भते आदि का भुगतान करना । संस्‍ािा की चल-अचल सम्‍पति पर लगने वाले कर आदि का भुगतान करना ।
द. कर्मचारी, शिक्षको आदि की नियुक्ति करना ।
इ. अन्‍य आवश्‍यक कार्य करना, जो साधारण सभा द्धारा समस-समय पर सौपें जाए ।
च. संस्‍था की समस्‍त चल-अचल सम्‍पति, कार्यकारिणी समिति के नाम रहेगी ।
छ. संस्‍था द्धारा कोई भी स्‍थावर सम्‍पति, रजिस्‍टार की लिखित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्धारा या अन्‍यथा अर्जित या अन्‍तरित नहीं की जा सकेगी ।
ज. विशेष बैठक आमंत्रित कर संस्‍था के विधान में संशोधन किये जाने का प्रस्‍ताव पर विचार कर साधारण सभा की विशेष बैठक में उसकी स्‍वीकृती हेतु प्रस्‍तुत करेगी । साधारण सभा में कुल सदस्‍यों 2/3 मत संशोधित पारित होने पर उक्‍त प्रस्‍ताव पारित कर पंजीयक को अनुमोदन हेतु भेजा जावेगा ।

16. अध्‍यक्ष के अधिकार :- अध्‍यक्ष साधारण सभा तथा प्रबंधककारिणी समिति की समस्‍त बैठकों की अध्‍यक्षता करेगा तथा सचिव द्धारा साधारण सभा में प्रबंधकारिणी की बैठकों का आयोजन करवायेगा । अध्‍यक्षा का मत विचारार्थ विषयों से निर्णयात्‍म‍क होगा । अध्‍यक्ष मुख्‍य संस्‍ािा द्धारा संचालित अन्‍य संस्‍थाओं का भी पदेन अध्‍यक्ष होगा । अध्‍यक्ष शासकीय कार्यो एवं अशासकीय कार्यो के लिए संस्‍था का प्रतिनिधित्‍व करेगा या प्रतिनिधित्‍व हेतु संस्‍था के किसी सदस्‍य को प्रतिनिधि के रूप में मनोनीत /नियुक्‍त कर सकेगा ।
17. उपाध्‍यक्ष के अधिकार :- अध्‍यक्ष की अनुपस्थिति में साधारण सभा एवं प्रबंधकारिणी की समस्‍त बैठको की अध्‍यक्षता करेगा । अध्‍यक्ष के समस्‍त अधिकारों का उपयोग करेगा । उपाध्‍यक्ष ऐसे समस्‍त अधिकारों का उपयोग करेगा जो उन्‍हें समय-समय पर प्रबंध समिति द्धारा दिए जायेगें ।
18. सचिव (मंत्री) के अधिकार :-
1. साधारण सभा एवं प्रबंधकारिणी की बैठक समय-समय पर बुलाना और समस्‍त आवेदन पत्र तथा सुझाव प्राप्‍त हो प्रस्‍तुत करना ।
2. समिति का आय व्‍यय का लेखा परीक्षण से प्रतिवेदन तैयार करके साधारण सभा के सम्‍मुख प्रस्‍तुत करना ।
3. समिति के सारे कागजातों को तैयार करना तथ करवाना । उनका निरीक्षण करना व अनियमितता पाये जाने पर उसकी सूचना प्रबंधकारिणी को देना ।
4. सचिव को किसी कार्य के लिये एक समय में रूपया 1000/- (अक्षरी एक हजार रूपए) खर्च काने का अधिकार होगा एवं अधिक व्‍यय के लिये प्रबंधकारिणी से अनुमोदन लेना होगा।
19. सह-सचिव के अधिकार :- सचिव की अनुपस्थिति में या सचिव द्धारा त्‍यागपत्र देने पर या नियम-8 के लागू होने पर सह-सचिव सचिव के समस्‍त अधिकारों का उपयोग करेगा ।

20. कोषाध्‍यक्ष के अधिकार :- समिति के सम्‍पूर्ण राशि का हिसाब किताब रखना, समिति का धन किसी अनुचित बैंक या पोष्‍ट आफिस में जमा करना व हिसाब किताब रखना एवं प्रबंधकारिणी द्धारा स्‍वीकृत राश्‍ी को व्‍यय करना ।
21. पंजीयक को भेजी जाने वाली जानकारी :- अधनियम की धारा 27 के अर्न्‍तगत संस्‍था की वार्षिक आम सभा होने के दिनांक से 45 दिन के भीतर निर्धारित प्रारूप पर कार्यकारिणी समिति की सूची फाईल की जावेगी तथा धारा-28 के अर्न्‍तगत संस्‍था की परीक्षित लेखा मय नियत शुल्‍क के साथ भेजेगी

22. संशोधन :- संस्‍था के विधान में संशोधन साधारण सभा की बैठक में कुल सदस्‍यों के 2/3 मतो से पारित होगा । यदि आवश्‍यक हुआ तो संस्‍था के हित में उसके पंजीकृत विधान में संशोधन करने के अधिकार पंजीयक फर्म्‍स एवं संस्‍थाऍं को होगा, जो प्रत्‍येक सइस्‍य को मान्‍य होगा । संस्‍था के विधान में संशोधन हेतु प्रस्‍ताव मय-नियत शुल्‍क सहित प्रस्‍तुत की जावेगी ।
23. विधटन :- संस्‍था का विधटन साधारण सभा में कुल सदस्‍यों के 3/5 मत से पारित किया जावेगा । विधटन के पश्‍चात संस्‍था की चल-अचल सम्‍पति किसी समान उद्देश्‍य वाली संस्‍ािा को सौंप दी जावेगी । उक्‍त समस्‍त कार्यवाही अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की जावेगी ।

24. सम्‍पति :- संस्‍था की समस्‍त चल-अचल सम्‍पति संस्‍था के नाम रहेगी । संस्‍था की अचल सम्‍पति रजिस्‍टार फर्म्‍स एवं संस्‍थऍं की लिखित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्धारा, दान द्धारा या अन्‍यथा प्रकार से अर्जित या अन्‍तरित नही की जाक सकेगी एवं उक्‍त हेतु निर्धारित शुल्‍क संस्‍था द्धारा जमा की जावेगी ।
25. बैंक खाता :- संस्‍था की समस्‍त निधि किसी अनुसूचित बक्‍े या पोष्‍ट आफिस में खेला जायेगा एवं समय-समय पर धन जमा करने व निकालने की प्रक्रिया जारी रहेगी ।

26. पंजीयक द्धारा बैठक बुलाना :- संस्‍था को पंजीयत नियमावली के अनुसार पदाधिकारियों द्धारा वार्षिक बैठक बुलाए जाने पर या अन्‍य प्रकार से आवश्‍यक होने पर पंजीयक फर्म्‍स एवं संस्‍थाऍं की बैइक बुलाने का अधिकार होगा । साथ ही बैठक में विचारार्थ विषय निश्‍चित कर सकेगा ।
27. विवाद :- संस्‍था में किसी प्रकार का विवाद उत्‍पन्‍न होने पर अध्‍यक्ष या साधारण सभा अनुमति से सुलझाने का अधिकार होगा । यदि इस निश्‍चित या निर्णय से पक्षों को संतोष न हो तो वह रजिस्‍टार की ओर विवाद के निर्णय के लिये भेज सकेगें । रजिस्‍टार का निर्णय अंतिम व सर्वमान्‍य होगा । संचालित सभाओं के विवाद अथवा प्रबंध समिति के विवाद उत्‍पन्‍न होने पर अंतिम निर्णय देने का अधिकार रजिस्‍टार को होगा ।

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