लावा परोसना
इसमें खडे होकर वर-वधु को लाही परोसना पडता है, कन्या आगे रहती है व वर पीछे रहता है कन्या के हाथों में दोना दिया जाता है जिसमें सिंदूरा रखा जाता है अब कन्या का भाई लाही को सूपे में भरकर अग्नि के पास खडा रहता है पहली भॉंवर होते ही भाई सूपे के कोने से लाही वधु के हाथ में डालता है, वर कन्या की हाथ की अंजरी से हिलाकर लाही को अग्नि में गिराता है छह भॉंवर में वधु आगे व वर पीछे रहता है ।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें