शनिवार, 4 जुलाई 2009

वर-वधु को तेल चढाना व उतारना, हरिद्रालेपन

वर के धर वर को वधु के धर वधु को 5 धर से लाया हुआ तेल चढाया जाता है मंडप में पाटा रखा जाता है कोहबर से पैर पडाकर मॉं पीछे-पीछे अपना पल्‍ला वर या वधु के सर पर रखती है हाळा में दोना (जिसमें चांवल, पान, सुपारी) देते है, यही दोना शादी में फेरे तक उपयोग में लाया जाता है अब तेल चढाने के लिए 5 कन्‍या व 5 सुहागन थोडा-थोडा तेल पहले पैरों पर क्रम से चालू करती है हर कोई यह क्रम 5 बार करता है कन्‍याओं को गुड या मिठाई दी जाती है वर को स्‍नान कराने के बाद उसका नाछुर होता है 5 सुहागन स्‍त्रियॉं दुल्‍हन की चुनरी पकड कर हर कोने में 5-5 माई रख कर कपडे में गुड या चांवल डाला जाता है, सातबार कच्‍चा सूत लेकर चारों तरु धुमाते है जिसे पैंका पूरना क‍हते है इसी धागे में लडके के हाथ में कंगन बांधा जाता है इसी बीच मंडप में मामा-मामी बैठते है लडका एवं मां के बालों का जल पिते है (जो नाऊन जल मिट्टी के कलश से डालती है) इसे ही कन्‍हर कहते है, नाऊन लडके के पैर में माहुर लगाती है नख के काटने का भी छुआते है अब वर को कुर्सी पर बिठाते है वर को सजाने हेतु जीजा लोग मिलकर सजाते है भाभी काजल लगाती है दोनों को इसका नेग दिया जाता है महिलाऍं दुल्‍हा को तैयार करते समय गीत गाती है ।

Hindi Blogs. Com - हिन्दी चिट्ठों की जीवनधारा

गणना

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

  © Blogger template Spain by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP