शनिवार, 14 मार्च 2009

श्री ओंकारेश्वर ज्‍योर्तिलिंग


यह ज्योर्तिलिंग मध्यप्रदेश में नर्मदा नही के तट पर स्थित है । यह नर्मदा नही के दो धाराओं में विभक्त हो जाने के कारण टापू बन गया है । इसे मान्यता-पर्वत या शिवपुरी कहते है । इस मंदिर के अंदर दो कोठरियों से होकर जाना पडता है । ओंकारेश्वर लिंग मनुष्य निर्मित नही है, स्वंय प्रकृति ने इसका निर्माण किया है । इसके चारों ओर हमेशा जल भरा रहता है । कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहॉं विशाल मेला लगता है । यहॉं लिंगों के दो स्वरूप है, एक ओंकारेश्वर व दूसरा ममलेश्वर के नाम से जाना जाता है । कहते है कि इसके दर्शन से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष सभी कार्य सुलभ हो जाते है ।

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