श्री त्रयम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग
यह ज्योर्तिलिंग महाराष्ट्र प्रान्त में नासिक से 30 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है । कथा है कि गौतम ऋषि पर छलपूर्वक गो-हत्या का आरोप लगा दिया जाता है । दस पाप से मुक्त होने के लिए उन्होनें शिवजी की कठोर तपस्या की । तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने गौतम ऋषि से वर मांगने को कहा, तो उन्होनें सदा यहॉं निवास करने की प्रार्थना की । तब शिवजी त्रयम्बक लिंग के नाम से स्थापित हो गए । तब से यहॉं गंगाजी भी प्रवाहित होने लगी । यह ज्योर्तिलिग समस्त पुण्यों को प्रदान करने वाला है ।
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