श्री नागेश्वर ज्योर्तिलिंग
यह गुजरात में द्वारारिकापुरी से लगभग 17 मील की दूरी पर स्थित है कहा जाता है सुप्रिय नामक पैश्य को दारूक नामक राक्षस पकड लेता है । तब यह वैश्य शिवजी की तपस्या करता है । तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी वही एक चमकते हुए सिंहासन पर ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हो गए । उन्होनें सुप्रिय को पाशुपत-अस्त्र भी प्रदान किया जिससे दारूक का विनाश किया गया था ।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें