सामूहिक विवाह की सार्थकता
जय बागेश्वर
सामुहिक विवाह क्यो आवश्यक,,,,,,,,,,
सामूहिक विवाह मात्र एक विवाह का आयोजन भर नहीं हैं अपितु इसके प्रभाव व समाज हित में लाभ बड़े दूरगामी हैं।किसी कमजोर, जरूरतमंद या असहाय परिवार की कन्या का विवाह करानें से बढ़कर कोई अन्य पुनीत कार्य नहीं है।
सामूहिक विवाह के आयोजन से केवल स्वयं का धन ही नहीं बचता, देश की संपदा, के साथ व्यर्थ श्रम ओर बहुत सारी परेशानियों से भी छुटकारा मिल जाता हे। यह सब श्रम पूरा समाज मिलकर कर लेता हे।
सामुहिक विवाह कराने पर समय की बर्बादी, दान-दहेज व फिजूलखर्ची जैसी कुरीतियों से भी समाज को मुक्ति मिल सकती है। लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि समाज का सम्भ्रांत , समृद्ध वर्ग भी इसमें सम्मिलित हो ताकि कोई भी जरूरतमंद व कमजोर परिवार अपनी नजरों में हीन व हास का पात्र न महसूस करे।
*सामूहिक विवाह , वर्तमान की आवश्यकता बन चुकी है।
दहेज लेना और दहेज देना कानूनी अपराध है। इस कुरीति के चलते कई निर्धन परिवार की बेटियों के हाथ पीले नहीं हो पाते हैं, जिसके चलते निर्धन परिवार के माँ-बाप दलालों के चक्कर में पड़कर अपनी बेटियों की शादी दूसरे शहरों में अयोग्य वर से कर देते हैं, जिससे बाद में पछतावा के अलावा कुछ नहीं मिलता नव जवान युवक और युवतियों से मैं आह्वान करता हु कि वे इन बातों को वे समझ कर अपने परिवार को सामूहिक विवाह के लिए तैयार करे और अपने पालको को इस धन की बरबादी से बचा कर कर्ज के खड्डे में, गिरने से बचाए सामूहिक विवाह की पहल से हम शादियो की दिन ब दिन बढती फिजूल खर्ची को आइना दिखा रहे हैं वहीँ समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके की सहायता भी कर रहे हैं। सामुहिक विवाह कम खर्चे की शादियों को प्रोत्साहन और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए यह अच्छी योजना है। वर्तमान में सतना एवं चित्रकूट उत्तर प्रदेश समाज ने सामूहिक विवाह का बीड़ा उठाया है , छोटे छोटे स्तर पर भी इसे किया जा सकता है इससे हम कम खर्च में , अच्छे से कार्य कर सकते है ,
आप सभी से सहयोग की अपेक्षा है
धन्यवाद
संतोष गुप्ता
राष्ट्रीय अध्यक्ष 💐
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